Raj comics new set -1 (2017)
PHOENIX
Code: SPCL-2620-H
Pages: 96
ISBN: 9789332428348
Language: Hindi
Colors: Four
Author: Anupam Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Vinod Kumar, Swati Chaudhary
Colorist: Sunil Dusturiya
120.00
Description ‘हन्टर्स’ नाम के एक अत्यंत गुप्त और खतरनाक गुट ने संकट में डाल दी है सुपर कमांडो ध्रुव की जान! डॉक्टर्स ने उसे बचाने की जी तोड़ कोशीशें की और अंत में उन्होंने भी उठा दिए अपने हाथ! अब मौत के नो मेन्स लैंड पर अपनी मौत से जूझते ध्रुव को यदि कोई बचा सकता है तो वो है भगवान् या उसकी खुद की इच्छाशक्ति जोकि खुद संघर्ष कर रही है उसके खतरनाक खूनी अतीत के साथ! अब होगी हन्टर्स की विजय और हारेगा राजनगर या फिर इन्हें बचाने के लिए खड़ा होना होगा ध्रुव को बन कर 'फीनिक्स'!
PHOENIX
Code: SPCL-2620-H
Pages: 96
ISBN: 9789332428348
Language: Hindi
Colors: Four
Author: Anupam Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Vinod Kumar, Swati Chaudhary
Colorist: Sunil Dusturiya
120.00
Description ‘हन्टर्स’ नाम के एक अत्यंत गुप्त और खतरनाक गुट ने संकट में डाल दी है सुपर कमांडो ध्रुव की जान! डॉक्टर्स ने उसे बचाने की जी तोड़ कोशीशें की और अंत में उन्होंने भी उठा दिए अपने हाथ! अब मौत के नो मेन्स लैंड पर अपनी मौत से जूझते ध्रुव को यदि कोई बचा सकता है तो वो है भगवान् या उसकी खुद की इच्छाशक्ति जोकि खुद संघर्ष कर रही है उसके खतरनाक खूनी अतीत के साथ! अब होगी हन्टर्स की विजय और हारेगा राजनगर या फिर इन्हें बचाने के लिए खड़ा होना होगा ध्रुव को बन कर 'फीनिक्स'!
Code: SPCL-2616-H
Pages: 80
ISBN: 9789332428355
Language: Hindi
Colors: Four
Author: Mandar Gangele
Penciler: Sushant Panda
Inker: Vinod Kumar, Sushant, Jagdish
Colorist: Bhakta Ranjan
100.00
Notify Me
Description मुंबई और डोगा को खतम करने के लिए निर्मूलक चल चुका है अपनी आखिरी चाल! अब मुंबई और डोगा दोनों पहुंच चुके हैं तबाही की कगार पर! क्या अब निर्मूलक करके रहेगा 'डोगा अस्त'?
Pages: 80
ISBN: 9789332428355
Language: Hindi
Colors: Four
Author: Mandar Gangele
Penciler: Sushant Panda
Inker: Vinod Kumar, Sushant, Jagdish
Colorist: Bhakta Ranjan
100.00
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Description मुंबई और डोगा को खतम करने के लिए निर्मूलक चल चुका है अपनी आखिरी चाल! अब मुंबई और डोगा दोनों पहुंच चुके हैं तबाही की कगार पर! क्या अब निर्मूलक करके रहेगा 'डोगा अस्त'?
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