द पॉवर ऑफ़ हैबिट |
द पॉवर ऑफ़ हैबिट | The Power of Habit – Hindi
यह अल्वबामा राज्य के मॉन्टगोमेरी शहर की बात है। उस दिन गुरूवार था और तारीख थी । दिसंबर सन 955 । वह महिला मॉन््टगोमेरी स्टोअर्स नायक डिपार्टमेंट स्टोअर में दर्जी के तौर पर काम करती थी और दिनभर अपना काम के बाद बस से घर लौट रही थी। बस में काफी भीड़ थी और उस दौर के कानून के अनुसार आगे की चार सीटें श्वेत (गोरे) यात्रियों के लिए आरक्षित थीं।
पीछे के जिस हिस्से में अश्वेत (काले) यात्रियों को बैठने की इज़ाज़त थी, वह पहले ही भर चुका था। इसलिए रोजा पार्क्स नामक वह महिला श्वेत यात्रियों के ठीक पीछे स्थित बीचवाली पंक्ति की एक सीट पर बैठ गई। उस पंक्ति में हर किसी को बैठने की इज़ाज़त थी। जैसे-जैसे बस अपने मार्ग से आगे बढ़ी, कुछ और यात्री बस में चढ़े। जल्द ही सभी सीटें भर गईं, जिसके चलते कुछ यात्रियों को खड़े-खड़े सफर करना पड़ रहा था। इनमें एक श्वेत यात्री भी था, जो बस की छत पर लगी रॉड पकड़े खड़ा हुआ था।
जब बस के ड्राइवर जेम्स एफ. ब्लेक ने देखा कि एक श्वेत यात्री खड़ा हुआ है, तो उसने बीचवाली पंक्ति की सीटों पर बैठे अश्वेत यात्रियों को कल उठने को कहा। इन अश्वेत यातिरियों में एक रोजा पार्क्स भी थीं। ड्राइवर के हिल्लाने के गा द किसी भी अश्वेत यात्री ने अपनी सीट नहीं छोड़ी। भीड़ के कारण बस में काफी भी था इसलिए शायद अश्वेत यात्रियों को ड्राइवर की आवाज़ सुनाई नहीं दी थी। अचानक ड्राइवर ने मॉन्टगोमेरी मार्ग पर एम्पायर थिएटर के सामने के बस स्टॉप पर बस को रोका और उठकर बस के पिछले हिस्से की ओर चल पड़ा।
( पूरी बुक यहां पड़ें )
No comments:
Post a Comment