Tuesday, September 2, 2014

DEVRAJ INDRA ( BANKELAL)


Pages: 96
स्वर्ग के देवता इन्द्र अवकाश मनाने जा पहुंचे कैलाश पर्वत पर और वहां आरंभ हो गया मेनका, रम्भा और उर्वशी का नृत्य, जिससे शिव का ध्यान भंग होने का संकट उत्पन्न हो गया। बस फिर क्या था शिवगणों और इंद्र में ठन गई। शिवगणों ने स्वर्ग का सिंहासन छीन लेने का प्रण किया। शिवगणों का आक्रमण देख इन्द्र को याद आ गई अपनी नानी। तब स्वर्ग की रक्षा हेतु उन्होंने पृथ्वी से मदद के रुप में बुलाया महाबली भोकाल, गोजो, अश्वराज और बांकेलाल को। किन्तु बांकेलाल तो अप्सराओं पर ऐसा रीझा कि उसे तो बस अब चाहिए था स्वर्ग का सिंहासन।


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